Tuesday, October 6, 2015

हंगामा है क्यों बरपा.....

ये संगीत  सोम भाजप नेता... दादरी में अख्लाख़ की जगह.... आरोपियों के परिवार से मिल आये, कमाल का दिमाग पाया है घुटनो में  और इस असंवेदनशील मनुष्य के खिलाफ पार्टी का क्या कहना है?  और दूसरी "इनका यही हश्र " वाली साध्वी मैय्या... भगवा पहनी हो राम का नाम जपो, पर नहीं... कुछ न कुछ बकर करते रहना है....हिंसा को बढ़ावा देने वाला, हिंसा का समर्थन करने वाला ये कौनसा साधुत्व है?

इंसान की कोख में पलने वाली बच्ची को मारने वाला ये समाज.... क्या पढ़े लिखे और क्या गवार... इस महा नृशंस हत्याकांडों में सभी होते हैं भागीदार..... जब ये लोग गौ हत्या के सवाल पर पर किसी की हत्या करते हैं , सर पे खून सवार किये नज़र आते हैं तो बेहद हास्यास्पद लगता है.....गैय्या तुम सबकी मैय्या... हैना.....और तुम्हरी जोरू,या तुम्हरी बहुरिया के कोख में पल रही बच्ची वो किसकी है?  दोगले लोग

दम है इन लोगों में तो.... ऐसे ही मार के बताएं सरे आम उस परिवार को जो कोख में पलने वाली बेटियों के हत्यारे हो,जो लड़कियों पे एसिड के कायराना हमले करते हों.....है दम?

नहीं न...कायर . डरपोक भीड़... .. किसी ने बीफ क्या खा लिया हंगामा बरपा रखा है....इस देश में बहुतायत लोग बीफ खाते हैं....मुस्लिम, ईसाई ही नहीं कई हिन्दू भी.... हिन्दू समाज कोई अपर क्लास बामणो की बपौती नहीं है... हमारा भी है यही हिन्दू समाज ....

इतनी ही गाय माता है सबकी तो... ज़िन्दगी भर उसका दूध निकाल के जब बूढी होती है तो सड़क पर क्यों छोड़ देते हो... पोलिथिन चरने . काहेकि कोई काम की नहीं बची न अब माता .... क्या प्रेम है माँ के प्रति....

कब ये देश खाना मुह से खाना सीखेगा, भूख लगी है.... खाना जो सामने आये खाकर देखो... अच्छा लगा तो और खाओ.. नहीं अच्छा लगा न खाओ....पर कोई दूसरा क्या खाए.... क्या न खाए इस पर अपनी टीका टिप्पणी अपने पास धरो.... ये १ धर्म निरपेक्ष देश है और रहेगा...

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